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हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के समीप हर्ल प्रबंधन के खिलाफ बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया :

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हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के समीप हर्ल प्रबंधन के खिलाफ बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया : सत्याग्रह रूपी आंदोलन , भूख हड़ताल और अनिश्चितकालीन आमरण अनशन में तब्दील करेंगे: सिन्दरी : छाताटांड़ पंचायत संघर्ष महासभा के बैनर तले छाताटांड़ व बिरसिंहपुर के सैकड़ों ग्रामीणों ने रोजगार समेत अन्य मांगो पर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के समीप हर्ल प्रबंधन के खिलाफ बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत ग्रामीणों ने बुधवार से सत्याग्रह रूपी आंदोलन से किया है. प्रबंधन अगर इनकी मांगे नहीं मानती है तो, आगे 3 फरवरी से यह लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे और उसे 6 फरवरी से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन में तब्दील करेंगे.

आंदोलन में मुख्य रूप से मुखिया डोली हांसदा, मुखिया रांगा किस्कू, सरोज हांसदा, रामेश्वर महतो, गंगाधर महतो, हेमलाल मुर्मू, दिनेश महतो, अजय सोरेन, बलराम महतो, सुनील सोरेन, माहालाल महतो, बाबूलाल महतो, राजकुमार किस्कू, अमर बाउरी, पिंटू मंडल, अंबुज महतो, राजीव सोरेन, निर्मल महतो, प्रेम महतो, वीरू सिंह, अशोक महतो समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे.

बता दें कि हर्ल पिछले कुछ महीनों से आंदोलन का केंद्र बिंदु बना हुआ है. कारखाने में उत्पादन भी शुरू हो गए हैं, बावजूद आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन हर्ल के समक्ष किसी ना किसी संगठनों, राजनीतिक दलों व ग्रामीणों द्वारा रोजगार समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. जरूरी है कि प्रबंधन कारणों को तलाश कर उसका निष्कर्ष निकाले और शांति स्थापित करे. ऐसा नहीं होने पर आने वाले समय में उत्पादन प्रभावित होने की शंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.

स्थानीय नेताओं, संगठनों व ग्रामीणों की मानें तो हर्ल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दीप्तेन राय सिंदरी के आम नागरिकों एवं स्थानीय ग्रामीणों संग सामंजस्य बैठाने में विफल दिख रहे हैं, जिसका परिणाम है कि हर्ल आए दिन आंदोलन के आग में तप रहा है. इनके द्वारा संयंत्र का बागडोर हाथ में लिए जाने के बाद से व्यवस्था और चरमरा गई है.

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