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ऐना में बिजली संकट, बीस हजार की आबादी हलकान झरिया: मिनी रत्न कंपनी के नाम से प्रसिद्ध बीसीसीएल का

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ऐना में बिजली संकट, बीस हजार की आबादी हलकान

झरिया: मिनी रत्न कंपनी के नाम से प्रसिद्ध बीसीसीएल का आसपास रहने वाली आबादी पर ध्यान देने से काफी पीछे है। या फिर ये कहें कि सामाजिक दायित्व का निर्वहन करने में अपने पांव पीछे कर लेती है। बीसीसीएल के एरिया 6 के अंतर्गत आने वाले ऐना परियोजना के आसपास के बस्तियों का इन दिनों यही हाल है। यहां की बस्तियों में पानी, बिजली की समस्या एक आम बात हो गई है। बावजूद बिजली, पानी की समस्या से लोग त्रस्त हैं। जबकि ऐना परियोजना से प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये का मुनाफा होता है। उत्कृष्ट कार्य के लिए एरिया 6 के महाप्रंधक वीके गोयल को कोलकाता में सम्मानित भी किया जा चुका है। जबकि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत प्रावधानों के माध्यम से अनिवार्य कर दिया गया है। कानून के अनुसार, एक कंपनी को जिसका सालाना नेटवर्थ 500 करोड़ों रुपए या उसका सालाना इनकम 1000 करोड़ रुपए या उनका वार्षिक प्रॉफिट 5 करोड़ का हो तो उनको सीएसआर पर खर्च करना जरूरी होता है। यह जो खर्च होता है उनके 3 साल के एवरेज प्रॉफिट का कम से कम दो प्रतिशत तो होना ही चाहिए। इस बाबत भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश आईटी सेल प्रभारी बप्पी बाउरी ने कहा कि ऐना से हजारों घरों में बिजली आपूर्ति की जाती है। लेकिन बीस हजार की आबादी पर 750 केवीए का मात्र एक ट्रांसफार्मर है। जिस कारण पर्याप्त बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाती है। अगर यहां 750 केवीए का एक और ट्रांसफार्मर दिया जाता तो लोगों की एक बड़ी समस्या का स्थायी समाधान हो जाता। बप्पी बाउरी ने कहा कि बिजली की व्यवस्था न होना, यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। इसपर बीसीसीएल अधिकारियों का ध्यान नहीं है। ऐना परियोजना पदाधिकारी व एरिया 6 के महाप्रंधक को इसपर विशेष ध्यान देना चाहिए। लेकिन इन अधिकारियों की अनदेखी की वजह से स्थानीय लोगों को असुविधा झेलनी पड़ती है। इसका ज्यादा असर छात्र -छात्रों पर पड़ता है।

 

क्या है सीएस आर योजना:

पारंपरिक कला एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देना और उनका विकास, सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना, अनाथालय और छात्रावास की स्थापना, उनके लिए भवन का निर्माण, उनका रख रखाव व संचालन, वृद्धाश्रम की स्थापना, उनके लिए भवन का निर्माण, उनका रख -रखाव व संचालन, डे केयर केंद्रों की स्थापना, उनके लिए भवन का निर्माण, उनका रख-रखाव व संचालन, महिलाओं के लिए घर और छात्रावासों की स्थापना, ग्रामीण खेलों, राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त खेलों, ओलंपिक खेलों और पैरालंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण मुहैया कराना, केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शैक्षणकि संस्थानों में स्थित प्रौद्योगिकी इनक्यूबेटरों के लिए फंड मुहैया कराना, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए काम करना, मिट्टी, हवा और जल की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए काम करना, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, वनस्पतियों, जीव संरक्षण, पशु कल्याण, कृषि वानिकी का संरक्षण, ग्रामीण विकास परियोजनाएं, जीविका वृद्धि संबंधी परियोजनाएं, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को बढ़ावा देना,असामानता का दंश झेल रहे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों के लिए काम करना। लेकिन बीसीसीएल इन सभी से परे है।

इन क्षेत्रों पर पड़ा असर:

ऐना के आसपास जैसे परसाटांड़, मल्लाह बस्ती, बाउरी बस्ती, भुइंया बस्ती, डोम बस्ती, ऐना इस्लामपुर, ईस्ट भागतडीह, भूली क्वाॅटर, कुड़मी बस्ती, इंडस्ट्री, इंदिरा आवास, बेलदार बस्ती आदि क्षेत्रों पर इसका ज्यादा असर पड़ता है। जबकि इन क्षेत्रों में सैंकड़ो बच्चे स्कूली शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन बिजली की समस्या के कारण इन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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