कार्यालय विकाश आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार हस्तशिल्प सेवा केंद्र, देवघर

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कार्यालय विकाश आयुक्त (हस्तशिल्प)
वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार
हस्तशिल्प सेवा केंद्र, देवघर
कार्यालय विकाश आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय द्वारा बाँस कारीगरों के साथ “चौपाल” का आयोजन KVK बलियापुर के सभागार में आयोजित किया गया। चौपाल का उद्घाटन राजीव कुमार, वैज्ञानिक KVK और भुवन भास्कर, सहायक निदेशक (हस्तशिल्प), देवघर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। चौपाल का उद्देश्य हस्तशिल्पियों के बीच भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं पर परिचर्चा, और जागरूकता करना है। चौपाल में शिल्पी पहचान पत्र, ई-कॉमर्स पोर्टल, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, मुद्रा और आर्टिसन क्रेडिट कार्ड, गाँधी शिल्प बाजार, प्रदर्शनी, हस्तशिल्प हेल्पलाइन 1800-208-4800, स्वयं सहायता समूह और प्रोड्यूसर कंपनी इत्यादि पर विस्तृत चर्चा और जानकारी दी गई। सहायक निदेशक भुवन भास्कर ने बताया की विभाग द्वारा जल्द ही “समर्थ” योजना के तहत बाँस हस्तशिल्प में 30 कारीगरों के लिए दो माह का प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा जिसमे प्रत्येक शिल्पी को 7500/- रु प्रती माह का स्टाइपेंड दिया जाएगा। प्रशिक्षण का पूरा खर्च भारत सरकार करेगी और सभी 30 प्रशिक्षणार्थी कारीगरों को 10,000/- रु का टूल-किट उपलब्ध किया जाएगा। आने वाले समय में 120 शिल्पियों को प्रशिक्षण देकर बाँस हस्तशिल्प का मॉडल प्रोड्यूसर क्लस्टर बनाया जाएगा ताकि मोहली जनजाति के जीवन स्तर में सुधार हो सके। वैज्ञानिक राजीव कुमार, ने हस्तशिल्पियों को संबोधित करते हुए कहा की बांस कारीगरी में काफी अवसर है, विकाश आयुक्त (हस्तशिल्प) के योजनायों का लाभ उठाकर आप सभी स्वावलंबी हो सकते हैं। टिंकरहाट फ़ाउंडेशन के कुणाल, कार्पेट ट्रेनिंग ऑफिसर विकास कुमार एवं अनय ने हस्तशिल्प संबंधी योजनाओं जैसे गाँधी शिल्प बाजार, विशेष प्रदर्शनी, प्रशिक्षण, डिज़ाइन, टूल-किट इत्यादि कल्याणकारी योजनाओं से जुडने की जानकारी साझा किया। चौपाल में बलियापुर प्रखण्ड के धोंधाबाद और सरिसाकुंडी से 50 से अधिक बाँस शिल्पी ने भाग लिया। चौपाल का सफल आयोजन मे टिंकरहाट फ़ाउंडेशन का सहयोग सराहनीय रहा।

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