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कालीमंडा में सांसद एवं विधायक ने ग्रामीणों साथ कि सभा, फ्रेट कॉरिडोर निर्माण के कारण विस्थापित हो रहे ग्रामीण कुमारधुबी सहित आसपास के रेलवे फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से चार पंचायतों के लगभग 10 हजार लोग के विस्थापित होने की सूचना तथा ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों के आग्रह पर बुधवार को धनबाद सांसद पीएन सिंह, निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता सहित भाजपा कार्यकर्ता कालीमंडा में आयोजित सभा में पहुंचे। जहां चारों पंचायत में शिवलीबाड़ी मध्य, शिवलीबाड़ी पुर्व, मेढ़ा एवं एग्यारकुंड दक्षिण के ग्रामीण उपस्थित हुए। सभी ने रेलवे द्वारा दिये गए नोटिस की जानकारी देते हुए पुर्नवास की मांग की। कहां की हमलोग विकास के बाधक नही है। परंतु जिस जगह से हमलोगों को विस्थापित किया जा रहा है। उस जगह पर लगभग हम लोग 70-80 वर्षों से निवास कर रहे हैं। अचानक रेलवे का नोटिस दिया जाना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। रेलवे उतना ही जमीन ले जितना उसको जरूरत है ना कि ग्रामीणों को उजाड़ने का उद्देश्य से काम करें। ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद सांसद पीएन सिंह ने कहा कि फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण केंद्र सरकार की योजना है। देश की आवश्यकता के अनुसार रेलवे लाइन बढ़ाया जा रहा है। इसमें बुलेट ट्रेन जैसी योजनाएं भी शामिल हैं। दिल्ली से लेकर कोलकाता तक यह निर्माण कार्य चालू है। इसको लेकर रेलवे किनारे दीवार दिया जा रहा है ताकि हाई स्पीड ट्रेन के सामने किसी तरह का मवेशी या अन्य कोई जानवर ना चला आये। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दीवार का काम रेलवे द्वारा किया जा रहा है। इसके बावजूद मैं डीआरएम से आग्रह करूंगा कि जितनी आवश्यकता है उतना ही जमीन का वे अधिग्रहण करें। बेवजह ग्रामीणों को परेशान ना करें। अभी लोकसभा का सत्र शुरू होने वाला है उस सत्र में भी मैं इस मुद्दे को उठाऊंगा। विस्थापित हो रहे हैं लोगों के लिए राष्ट्रीय नीति होना भी जरूरी है। क्योंकि जो जो विस्थापित हो रहे हैं वह कहीं और के नहीं बल्कि अपने देश के ही लोग हैं। उपायुक्त धनबाद से भी मिलकर विस्थापित हो रहे लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास मिले इसे लेकर भी चर्चा की जाएगी। वही विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि किसी भी स्थिति में मैं यहां के लोगों को उजड़ने नहीं दूंगी। विधानसभा सत्र भी शुरू होने वाला है मैं उस मैं भी इस मामले को उठाऊंगी तथा सांसद जी के निर्देशानुसार एक टीम बनाकर डीआरएम आसनसोल से मुलाकात की जाएगी। जिसमें उनसे आग्रह किया जाएगा कि कम से कम लोग विस्थापित हो इसी नीति के तहत रेलवे कार्य करें।
झारखंड ,निरसा रिपोर्टर, आजाद अंसारी

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